हैरान सा कर देते है उसके खुवाब मुझे
क्यों हर राह बेगानी सी लगती है।
उसके दर्द की आह मुझे
क्यों पहचानी सी लगती है।
दिल हर दिन सवाल किया करता है
क्या तेरी वो कुछ लगती है।
झुकी सी नजरें उसकी शायद मुझसे
हर पल कुछ पूछा करती है।
ना जानें क्या चुभन है उसकी आंखों में
जो मेरे दिल को टटोला करती है।
खुशी मिले उसे ग़ज़ल के तरन्नुम सुनके
उसकी ये हसीं मुझे सुकून दिया करती है।
मेरे एहसास मुझे उलझा देते है उसकी बातों में
या वो मेरे दिल के करीब रहा करती है।
पास हो मेरा या दूर हो मुझसे
लगता है जैसे हर पल याद मुझे ही किया करती है।
मेरे दिल में छुपे जज्बातों को शायद
वो खुद में महसूस किया करती है।
ना जाने वो सच में है या मेरी कोई कल्पना
मेरे खुवाबों में ही सही पर प्यार मुझसे ही किया करती है। By- दीक्षा साह
1 comment:
Good going dost😍
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